मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को 2 साल की सजा, बेल भी मिली

सूरत: मोदी सरनेम मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड भी कर दिया है, ताकि वह ऊपरी अदालत में इसके खिलाफ अर्जी दे सके. 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘सारे चोरों के नाम मोदी कैसे’ सूरत की सीजेएम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद आईपीसी की धारा 504 के तहत मानहानि का दोषी करार देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को दोषी करार दिया. राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद थे. इसके बाद कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि आप क्या कहना चाहते हैं तो राहुल गांधी ने कहा मैं तो हमेशा करप्शन के खिलाफ बोलता हूं. मैंने किसी के खिलाफ जानबूझ नहीं बोला. इससे किसी को नुकसान नहीं हुआ. कोर्ट ने साथ ही साथ राहुल गांधी को जमानत भी दे दी है. राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मामला दो धाराओं 499 और 504 में था. आईपीसी की धारा 504 में दोषी पाए जाने पर दो वर्ष की सजा का प्रावधान है.

क्या था पूरा मामला ?

2019 के लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में कहा था कि ‘सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे हैं’ राहुल के इस बयान के बाद सूरत के वेस्ट से बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस कर दिया था. उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने मोदी समुदाय का अपमान किया, इसके बाद केस सूरत की कोर्ट में पहुंचा था. राहुल गांधी 9 जुलाई, 2020 को कोर्ट में पेश भी हुए थे. पिछले महीने पूर्णेश मोदी ने केस में जल्दी फैसला करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने सूरत की कोर्ट से तेज सुनवाई का आदेश देते हुए ऊपरी अदालत में सुनवाई की अर्जी खारिज कर दी थी.

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