IPL: जहां होती है सिर्फ पैसों की बारिश, जानिये हार कर भी कैसे करोड़ों कमाते हैं टीम मालिक

दिल्ली: फ्रेंचाइजी क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग चल रहा है. देश-दुनिया में इसके फैंस अरबों में हैं. इस मंच पर दुनियाभर के स्टार क्रिकेटर एक दूसरे के खिलाफ खेलते दिखते हैं, क्रिकेट के साथ ग्लैमर का तड़का अलग, जगह जगह पार्टियां होती हैं. पिछले साल से आईपीएल में 10 टीमें खेल रही हैं. मुंबई, चेन्नई जैसी कुछ टीमों का इसमें दबदबा रहा है, लेकिन बेंगलुरु, राजस्थान, पंजाब की टीमें वैसा नहीं कर पाई हैं जितना उनके फैंस को अपेक्षा है. ऐसे में एक सवाल IPL के फैंस के जेहन में हमेशा उठता है, कि आखिर आईपीएल में कमाई कैसे होती है, पैसे कहां से आते हैं ?

ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से बरसते हैं पैसे

BCCI आईपीएल के टीवी और डिजिटल प्रसारण से भारी भरकम कमाई हासिल करता है. ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से पहले खेल के प्रसारण के लिए टीम को 80% और BCCI को सिर्फ 20% कमाई मिलती थी जो अब 50-50% हो गई है. मतलब आधा BCCI और उस मैच बाकी दोनों टीमें. सोनी ने साल 2008-17 के लिए 8200 करोड़ और स्टार स्पोर्ट्स ने साल 2018-22 के लिए 16347 करोड़ रुपए में IPL के बोर्डकॉस्टिंग राइट्स खरीदे थे. इन चैनल्स की कमाई विज्ञापन मतलब ब्रेक ऐडवर्टाइजमेंट से होती है. स्टार ने 23,575 करोड़ रुपये में 2023-27 के लिए IPL के TV राइट्स हासिल किए हैं, T20 टूर्नामेंट के डिजिटल राइट्स Viacom18 को 23,758 करोड़ रुपये में मिला है. यानि दोनों को मिलाकर 47 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम. हर साल 9466 करोड़.

टाइटल स्पोंसरशिप 1,619 करोड़ मिले

BCCI और आईपीएल में खलेने वाली टीमें सिर्फ चैनल को ब्रॉडकास्टिंग राइट्स बेचने भर से नहीं बल्कि कई माध्यम से भयंकर बिजनेस करती हैं. शुरुआती 5 सीजन में DLF ने टाइटल स्पोंसरशिप के लिए 200 करोड़ रुपए दिए थे, अगले 5 सीजन के लिए पेप्सी ने 397 करोड़, वीवो ने 200 करोड़ और ड्रीम 11 ने 222 करोड़ इसके बाद फिर से वीवो ने 493.8 करोड़ और अब टाटा ने 600 करोड़ रुपए दिए हैं. यानी अबतक कुल 1,619 करोड़ रुपये.

विज्ञापन-टिकट बेचकर मिलते हैं पैसे

जैसे मैच ग्राउंड में कई सारे विज्ञापन दिखते हैं उससे भी भारी कमाई होती है, वहीं कई टीमें खुद के ब्रांड का प्रमोशन करती हैं. खिलाड़ी खास ब्रांड के विज्ञापन करते दिखते हैं. और इस्तेमाल किए हुए जेर्सी, ग्लोव्स, बैट, बेचकर भी कमाई होती है. टिकट बेचकर, और ग्राउंड में कुछ ऐसे छुटपुट चीजों बेचकर भी कमाई होती है, एक मैच के टिकट से करीब 4 करोड़ रुपये आ जाते हैं.

सारे खर्च कर हर साल करीब 150 करोड़ की कमाई

हर साल आईपीएल टीम मैनेजमेंट अपने खिलाडियों को खरीदनें में करीब 100 करोड़ रुपए खर्च करती हैं. और ऑपरेशन कॉस्ट में लगभग 35 से 50 करोड़ जाते हैं. इसके साथ स्टेट असोसिएशन को हर सीजन 3.50 करोड़ देना होता है और अपनी कमाई का 20% BCCI को देना होता है जो लगभग 20-30 करोड़ होता है. हर साल एक आईपीएल टीम को 300 करोड़ की अर्निंग होती है और एक्सपेंसेज को घटा दें तो सालाना कमाई 130-150 करोड़ के आसपास की कमाई पक्की.

टॉप-4 टीमों को मिलती है मोटी रकम

कोई टीम हारे या जीते ये 130-150 करोड़ के आसपास की कमाई पक्की है, अगर टीम आईपीएल जीत जाती है तो फिर प्राइज मनी 20 करोड़, उपविजेता को 12.5 करोड़ और तीसरे-चौथे नंबर की टीम को 8.75 करोड़ अलग से मिलते हैं. प्राइज मनी का आधा हिस्सा टीम मालिक और आधा खिलाड़ियों को मिलता है.

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