ममता देवी का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ, हाई कोर्ट ने दूसरे मामले में भी दी बेल

रामगढ: पूर्व विधायक ममता देवी को हाई कोर्ट से बड़ी रहत मिल गयी है. ममता देवी जमानत पर जेल से रिहा हो रही है. झारखण्ड हाई कोर्ट ने गुरुवार को ममता देवी द्वारा किये गए अपील पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत दे दी है. बता दें कि पूर्व विधायक ममता देवी को गोला में हुए गोलीकांड मामले में हाई कोर्ट द्वारा जमानत दी गयी है. एक अन्य मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है.

सजा के बाद गई थी सदस्यता

ममता देवी पर रामगढ सिविल कोर्ट और हज़ारीबाग़ सिविल कोर्ट में मामला चल चल रहा था जहाँ उन्हें दो अलग-अलग मामले में सजा सुनाई गयी थी. 13 दिसंबर 2022 के दिन ममता देवी को 5 साल की सजा सुनाई गयी थी जिसके बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गयी थी. वहीं दूसरे मामले में ममता देवी के अलावा राजीव जायसवाल को हज़ारीबाग़ विशेष अदालत ने 2-2 साल की सजा सुनाई थी जिसके बाद ममता देवी ने सजा के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था.

दोनों मामलों में ममता देवी को मिली बेल

ममता देवी को दोनों मामले में हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आ जाएगी. अदालत  ने जुर्माना की राशि जमा करने के शर्त पर जमानत पर मंजूरी प्रदान की है. ममता देवी की याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई जिसमें ममता देवी की ओर से अधिवक्ता अनुराग कश्यप ने बहस की थी. इस मामले में दूसरे आरोपी राजीव जायसवाल को भी हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है.

क्या है गोलीकांड का मामला

बात वर्ष 2016 के 29 अगस्त की है जब नागरिक चेतना मंच और आईपीएल प्लांट प्रबंधन के बीच नौकरी और पुनर्वास की मांग पर आंदोलनकारी ग्रामीणों, प्रबंधन और प्रशासन के बीच गोला अंचल कार्यालय में वार्ता हो रही थी. तभी राजीव जायसवाल, और तात्कालीन पार्षद ममता देवी के नेतृत्व में विस्थापित ग्रामीण फैक्ट्री गेट पहुँच कर वहीँ बातचीत की मांग करने लगे. जिसके बाद वहां तैनात पुलिस ने सभी को वहां से जबरन हटा दिया. इससे नाराज आंदोलन में शामिल ग्रामीण सेनेगढ़ा नदी चले गए और पानी सप्लाई के लिए लगाई गई पाइपलाइन में तोड़फोड़ शुरू कर दिया. पुलिस के वारदात वाली जगह पहुँचते ही तनाव की स्थिति बन गई. इसके बाद नदी के दोनों तरफ से ग्रामीणों और पुलिस बलों द्वारा गोलीबारी की गई. इस दौरान फायरिंग में दशरथ नायक और रामलखन महतो उर्फ फुतू महतो की मौत हो गई. दोनों पक्षों से करीब 43 लोग घायल हुए थे जिसमे कई अधिकारियों समेत कई जवान भी घायल हुए थे. पुरे प्रकरण में ममता देवी और राजीव जायसवाल सहित समेत 13 लोगों को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कुमार पवन की अदालत ने दोषी करार दिया था.

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