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11 अप्रैल को सियासी मंगलवार, बीजेपी करेगी वार तो हेमंत का होगा पलटवार

रांची: पिछले कुछ दिनों से ठंड पड़ी झारखंड की सियासत 11 अप्रैल से गरमाने वाली है. 11 अप्रैल को बीजेपी ‘हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ आंदोलन’ के तहत झारखंड मंत्रीमंडल का घेराव करने वाली है. बीजेपी का दावा है कि 11 अप्रैल को झारखंड मंत्रालय का घेराव ऐतिहासिक घेराव होगा. इस आंदोलन की तैयारियों के लिये ‘हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ’ नारों से लिखा बड़े-बड़े बैनेर चौक-चौराहों पर लगना शुरू हो गया है. रांची के हर चौक पर होर्डिंग्स लगाये जा रहे हैं. पार्टी के बड़े नेता खुद अलग अलग जिलों का दौरा कर लोगों को इस कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दे रहे हैं. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पहल पर गोड्डा से रांची के लिये स्पेशल ट्रेन भी चलने वाली है. घेराव कार्यक्रम केंद्रीय नेता, पार्टी के सांसद-विधायक, पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के भाग लेगे का दावा है.

बीजेपी घेरेगी झारखंड मंत्रीमंडल

बीजेपी नेताओं के मुताबिक कार्यकर्ता राज्य की जनभावना के अनुरूप राजधानी में विशाल प्रदर्शन के साथ हेमंत सरकार को गद्दी छोड़ने के लिए बाध्य करेंगे.  प्रदर्शन और सचिवालय घेराव ऐतिहासिक होगा. इसमें किसान, मजदूर, युवा, महिला, आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्ग समेत सभी वर्गों के लोग शामिल होंगे. और सरकार को झारखंड की जनता का रुख पता चल जाएगा.

कमल छोड़ तीर कमान थामेंगे हेमलाल

जिस समय रांची में बीजेपी हेमंत सरकार के खिलाफ ये विरोध-प्रदर्शन करेगी, ठीक उसी समय रांची से करीब साढ़े चार सौ किलोमीटर दूर संथाल में हेमंत सोरेन बीजेपी को झटका दे रहे होंगे. इसके लिये मुख्यमंत्री 10 अप्रैल को ही दो दिनों के संथाल दौरे पर रवाना होंगे. 11 अप्रैल को साहिबगंज जिले के बरहेट विधानसभा के भोगनाडीह में सिदो-कान्हू की जयंती पर जनसभा रखी गई है. इसमें हेमलाल मुर्मू 9 वर्षों बाद बीजेपी छोड़कर जेएमएम में वापसी करेंगे. हेमलाल का कहना है कि जेएमएम उनका परिवार है और वो उससे दूर कैसे रह सकते हैं. मुर्मू की घर वापसी में बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम के लिये भी बड़ा संदेश होगा, कि वो सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलना छोड़ दें नहीं तो पार्टी के पास उनका विकल्प मिल चुका है.

संथाल पर सबकी नजर

रघुवर सरकार कार्यकाल के समय से ही बीजेपी संथाल पर नजरें गड़ाई हुई है. उस वक्त की कई योजनाओं की शुरुआत संथाल की धरती से ही हुई. तब से आज तक कई बड़े आंदोलन भी बीजेपी ने संथाल से ही शुरु किये है. बार बार केंद्र से लेकर राज्यस्तरीय नेताओं का दौरा लगा रहता है. जिसके बावजूद 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां की 18 सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 4 सीटें ही मिली थीं. दो मंत्री तक चुनाव लड़ हार गए थे. जेएमएम ने 9, कांग्रेस ने 4 और जेवीएम ने पौड़ैयाहाट से जीत दर्ज की थी. संथाल को लेकर जेएमएम और बीजेपी के अपने अपने दावे भी जारी हैं. जहां 11 अप्रैल के आंदोलन को बीजेपी हेमंत सरकार के अंत का आगाज बता रही है, तो वहीं जेएमएम के मुताबिक हेमलाल मुर्मू के बीजेपी छोड़ जेएमएम में आना तो महज शुरुआत है, बीजेपी को आगे और भी झटके लगेंगे.

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