



रांची: नियोजन नीति 60-40 के खिलाफ आज छात्र संगठनों ने कांके स्थित मुख्यमंत्री आवास के घेराव का ऐलान किया है. मोरहाबादी मैदान में छात्रों का जुटना शुरु हो गया है. दावा है की राज्यभर से यहां 50 हजार के करीब स्टूडेंट्स जुटेंगे और फिर सीएम आवास घेरने निकलेंगे. स्टूडेंट्स के इस आंदोलन को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर तमाम तैयारियां कर ली गयी हैं. आंदोलन के मद्देनजर 12 सौ पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय के 200 मीटर की परिधि में किसी तरह के जुलूस, रैली, प्रदर्शन, घेराव वर्जित ह. इसके मद्देनजर सुरक्षा के दृष्टिकोण से निषेधाज्ञा 144 लागू कर दी गई है.
इनके जिम्मे सुरक्षा व्यवस्था
रैफ की चार कंपनी, इको, एसआईआरबी, आईआरबी, जैप-10 की महिला पुलिस, लाठी पार्टी और होमगार्ड की तैनाती की गयी है. राजधानी में तैनात 6 डीएसपी के अतिरिक्त जिला के अन्य डीएसपी, जिले के कई थाना प्रभारियों समेत कई इंस्पेक्टर और दारोगा की तैनाती की गई है. इसके अतिरिक्त मजिस्ट्रेट की तैनाती भी की गयी है. छात्र सीएम हाउस तक ना पहुंचे इसके लिए 36 जगह बैरिकेडिंग की गयी है. आंसू गैस और वाटर कैनन की भी तैनाती है.
- क्षेत्र में 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों का एक जगह जमा होना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों , धार्मिक और अंत्येष्टि कार्यक्रम को छोड़कर)
- किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र, जैसे- बंदुक, राईफल, रिवाल्वर, पिस्टल, बम, बारूद आदि लेकर निकलना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों को छोड़कर)
- किसी प्रकार का हरवे-हथियार जैसे लाठी-डंडा, तीर-धनुष, गड़ासा-भाला लेकर निकलना या चलना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों को छोड़कर)
- किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन, घेराव, जुलूस, रैली या आमसभा का आयोजन करना
- किसी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र का व्यवहार करना (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों और कर्मचारियों को छोड़कर)
- यह निषेधाज्ञा आज रात 11.30 बजे तक के लिए लागू रहेगा
बता दें कि छात्र संगठन कल यानि 18 अप्रैल को मशाल जुलूस निकालेंगे और 19 अप्रैल को झारखंड बंद का आह्वान किया गया है. इस से पहले छात्रों का ये कार्यक्रम 10 अप्रैल को निर्धारित था लेकिन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद उसे स्थगित कर दिया था. जिसके बाद छात्रों के एक गुट ने 10 अप्रैल झारखंड बंद किया था लेकिन उसका कोई असर नहीं देखने को मिला था.
छात्रों को क्या है परेशानी ?
राज्य सरकार ने नियुक्ति के लिए जो नई नीति बनायी है, उसे छात्र राज्यहित में नहीं मान रहे हैं. उनका कहना है कि अगर इस नीति के अनुसार नियुक्तियां हुई तो राज्य के युवाओं की नियुक्ति में सेंधमारी हो जाएगी. बाहरियों का बोलबाला होगा. ऐसे में झारखंडवासियों को ध्यान में रखकर कोई नीति बने. अगर अभी इस नीति से नियुक्तियां हो जाती हैं तो फिर बाद में नियोजन नीति बदले से भी क्या फायदा.