



रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट में मोरहाबादी मैदान के दुकानदारों को हटाए जाने के मामले को लेकर रौशन कुमार एवं अन्य की रिट याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने मोरहाबादी के फुटपाथ दुकानदारों के पक्ष में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने उन्हें छह महीनों के अंदर वेंडर मार्केट बनाकर उसमें जगह देने का निर्देश दिया है. इधर इस फैसले पर जहां मोरहाबादी के दुकानदारों ने खुशी जताई, रंग गुलाल लगाकर, एक दूसरे को मिठाई खिलाकर आतिशबाजी की तो वहीं इसका विरोध भी शुरु हो गया है.
वेंडर मार्केट दूसरी जगह शिफ्ट करने की अपील
मोरहाबादी मैदान में वेंडर मार्केट निर्माण के आदेश को लेकर मोरहाबादी मैदान बचाओ समिति की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय से वेंडर मार्केट को दूसरी जगह शिफ्ट करने की अपील की है. इनका कहना है कि मोरहाबादी मैदान एक ऐतिहासिक मैदान है, जिसे संरक्षण करने की जरूरत है क्योंकि यहां पर मॉर्निंग वॉक, इवनिंग वॉक में बड़े-बुजुर्ग, महिला पुरुष, बच्चे सब टहलने आते हैं. कई तरह के खेल मैदान में होते हैं. स्वतंत्र-गणतंत्र दिवस समेत सरकारी गैर सरकारी आयोजन होते हैं. धीरे-धीरे मोरहाबादी मैदान दिनोंदिन छोटा होता जा रहा है, और मैदान में लगे पेड़ पौधों की हरियाली कम हो रही है. ऐसे में मोरहाबादी, हातमा, चिरौंदी और मिसिर गोंदा मौजा के ग्रामीणों ने माननीय उच्च न्यायालय के सम्मान करते हुए निवेदन किया है कि मोरहाबादी मैदान को मनोरंजन का मैदान ही रहने दिया जाए. इसी बाजारीकरण नहीं किया जाए.
क्या है पूरा मामला ?
पिछले वर्ष 27 जनवरी, 2022 को मोरहाबादी में गैंगस्टर कालू लामा की गोली मारकर हत्या की घटना के बाद जिला प्रशासन ने यहां धारा 144 लगा कर सभी अस्थायी ठेला, खेमचा, गुमटी को हटाने का निर्देश जारी किया गया था. इसके बाद फुटपाथ दुकानदारों ने इस आदेश के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया. वो मान्या पैलेस के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये. बाद में हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई.
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