



जामताड़ा: अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने एक बार फिर बयान देकर राजनीतिक तपिश बढ़ा दी है. उनके बयान पर सियासत शुरु हो गई है. इस बार विधायक इरफान ने बजरंग दल को उग्रवादी संगठन करार दिया और इसपर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की. उन्होंने बजरंग दल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इसे समाज में वैमनश्यता फैलाने वाला संगठन करार दिया. और कहा कि जल्द ही वो झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मिलकर प्रदेश में बजरंग दल पर बैन लगाने की मांग करने वाले हैं. उन्होंने बजरंग दल को आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के लिए खतरा करार दिया और मॉब लिंचिंग का जिम्मेदार भी बताया. साथ ही उन्होंने फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ को बीजेपी का प्रोपेगेंडा बताया और इसे कर्नाटक चुनाव में प्रचार का हिस्सा कहा.
गरिमा और हद भूल चुके हैं इरफान- सांसद
जामताड़ा विधायक के बयान पर दुमका सांसद सुनील सोरेन मुखर हो गए हैं और उन्होंने सख्त लहजे हिदायत दी है कि डॉ. इरफान अपनी गरिमा और हद भूल चुके हैं. वो बजरंग दल जैसे संगठन पर बैन लगाने की बात करने वाले होते भी कौन हैं. सुनील सोरेन ने कहा कि विधायक कहने से राज्य की सत्ता और संगठन नहीं चलता और ना ही यह प्रदेश सरकार के हद की ही चीज है. वहीं रही फिल्म की बात तो लोगों को केरल की सच्चाई जानने का हक है.
कहां से उठा बजरंग दल का विवाद ?
बता दें की कर्नाटक चुनाव को लेकर जारी अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर सख्ती की बात कही थी. वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी कहा था कि जरुरत पड़ी तो प्रदेश में बजरंग दल को प्रतिबंधित किया जाएगा. इन दोनों मामलों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बयानबाजी और सियासत का दौर जारी है.
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