



रांची: नियोजन नीति में 60-40 को लेकर उठा विवाद कुछ दिनों की शांति के बाद फिर सिर उठाने लगा है. कई महीनों से इसको लेकर आंदोलन चल रहा है लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की गई है. ऐसे में अब छात्र संघ गुस्से में हैं और इसको लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं. झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन की ओर से आने वाले महीनों में विरोध को लेकर तीन चरणों में कार्यक्रम तय किया गया है.
पहला चरण: 15 दिवसीय समर्थन प्राप्त पत्र अभियान
10 मई से 25 मई तक 81 विधायक और 14 सांसदों को स्थानीय लोगों के सहयोग से अपने मांग पत्र पर समर्थन प्राप्त करने का अभियान चलाया जायेगा. समर्थन देने वाले विधायक सांसदों को सम्पूर्ण झारखंडी आदिवासी मूलवासी तरफ से आभार प्रकट किया जायेगा. और समर्थन नहीं देने वाले विधायक-सांसदों का सामाजिक कार्य में बहिष्कार किया जायेगा. उन्हें किसी भी शादी, विवाह, भोज, पूजा-पाठ में नहीं बुलाया जायेगा.
दूसरा चरण: बाजार, चौक-चौराहों में कार्यक्रम
दूसरे चरण में 10 दिवसीय कार्यक्रम के तहत प्राचीन पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था महा जनजागरण अभियान चलेगा. जिसमें सूबे के हाट, बाजार, चौक चौराहो में नगाड़ा और सखुआ पत्ता घुमाकर राज्यवासियों को ये जानकारी दी जाएगी कि ‘ 60-40 नाय चलतो, हकमार नीति नाय चलतो’
तीसरा चरण: 72 घंटे का महाआंदोलन
तीसरे चरण 9 से 11 जून तक तीन दिवसीय 72 घंटे का महाआंदोलन चलेगा. 10 और 11 जून को दो दिन 48 घंटा सम्पूर्ण झारखंड बंद रखा जायेगा और बंदी को सफल बनाने के लिये 9 जून को शाम 4 बजे सम्पूर्ण झारखंड के सभी प्रखंड और जिला मुख्यालय के विभिन्न चौक चौराहा में विशाल मशाल जुलूस निकाला जायेगा.
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