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3469 शिक्षकों को सीएम हेमंत सोरेन ने दिया नियुक्ति पत्र, कहा ये तो शुरुआत, आगे गढ़ने हैं इतिहास

रांची: जिस तरह समाज में चिकित्सकों को भगवान का दर्जा दिया गया है. इसी तरह बच्चे और उनके अभिभावकों के लिए गुरुजी भी किसी भगवान से कम नहीं. ये बातें सीएम हेमंत सोरेन नवनियुक्ति शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपने के दौरान कही. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 3469 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपा. सबसे ज्यादा रांची के अभ्यर्थी बहाल हुए हैं. 280 शिक्षकों की नियुक्ति रांची जिले में हुई है. सबसे कम 67 शिक्षक लातेहार में नियुक्त किये गये. टाना भगत इंडोर स्टेडियम, खेलगांव, होटवार रांची में इन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा गया.

हमारे पिछड़ेपन को दूर करेगी शिक्षा

सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि आज यहां करीब साढ़े तीन हजार गुरुओं को जिम्मेदारी दी गई है. इन बच्चों के भविष्य को गढ़ने की. झारखंड अत्यंत पिछड़ा राज्यों में से एक है. बिहार से अलग हुए दो दशक से ज्यादा वक्त गुजर गया है, लेकिन फिर भी हमें तकलीफ से साथ कहना पड़ रहा है. झारखंड देश के सबसे पिछड़े राज्यों में शुमार है. ऐसे में शिक्षा इस पिछड़ेपन को दूर करने में एक कारगार हत्यार से कम नहीं. हमारे यहां खनिजों का भंडार है यहां बड़ी-बड़ी कंपनियां लेकिन हम पिछड़े हैं. लेकिन अब सरकार ने ठाना है कि झारखंड को वहां लेकर जाना है जिसकी कल्पना कर ये अलग राज्य लिया गया था.

ये तो नियुक्तियों की शुरुआत- सीएम

सीएम ने कहा जेपीएससी की परीक्षा कब होती थी कब निकलती थी. हमेशा यह विवादों में रहता था लेकिन हमने एक साथ सारे पुराने मामलों को निपटाया और बिना किसी विवाद के ढाई सौ से ज्यादा युवाओं को जेपीएससी के जरिए नियुक्तियां दी. सीएम ने कहा यह तो नियुक्तियों की शुरुआत है आने वाले दिनों में सरकार भारी भरकम नियुक्तियां करने जा रही है. हर क्षेत्र में पद भरे जाएंगे बस झारखंड के युवाओं से यही अपील है कि वह जिस भी क्षेत्र में जाएं मन लगाकर और पूरी जिम्मेदारी से कर्तव्य का निर्वहन करें.

‘सरकार की हर चीज बुरी है सिवाय सरकारी नौकरी के’

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा अब तक के करियर में सिर्फ दो बार सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश हुआ था एक बार आपके मामले पर था. लोग कहते हैं सरकार की हर चीज बुरी है सिवाय सरकारी नौकरी के. उन्होंने नवनियुक्त शिक्षकों को कई टिप्स दिए. उन्होंने कहा की यहां नियुक्ति पत्र ले रहे लोग समाज को गढ़ने जा रहे हैं. यह नव नियुक्त शिक्षक ना सिर्फ स्कूल के बच्चों को पढ़ाएंगे साथ ही साथ उनके अभिभावक और आसपास के लोगों के स्तर को भी सुधार सकते हैं. नवनियुक्त शिक्षक चरणबद्ध तरीके से सिस्टम बनाकर काम करें और अपना सौ प्रतिशत देने की कोशिश करें.

किस विषय में कितने शिक्षक ?

इतिहास एवं नागरिक शास्त्र में 779, संस्कृत में 398, भूगोल में 341, हिंदी में 337, अर्थशास्त्र में 260, गणित-भौतिकी में 268, अंग्रेजी में 249, जीव एवं रसायन विज्ञान में 232, शारीरिक शिक्षा में 184, कॉमर्स में 118, म्यूजिक में 97, उर्दू में 27, होम साइंस में 50, संथाली में 42, बांग्ला में 29, कुरुख में 28, नागपुरी में 11, मुंडारी में 11, कुड़माली में चार, उड़िया में दो, पंचपरगानिया में 01, हो में 01.

पहली बार नियुक्ति पत्र के साथ ट्रेनिंग

पहली बार नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र के साथ ही प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण जिला स्तर पर शिक्षकों को दिया जाएगा. इसमें शिक्षकों को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, प्राथमिक शिक्षा निदेशालय, प्रमंडल स्तर पर क्षेत्रीय संयुक्त शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय, जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय, जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय कामों की जानकारी दी जाएगी. राज्य में 17 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है, हाल में सीएम हेमंत सोरेन ने भी एक कार्यक्रम से मंच से घोषणा की थी कि इस माह के अंत तक इन्हें नियुक्त कर दिया जाएगा.

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