



रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज झारखंड हाईकोर्ट के नई बिल्डिंग का उद्घाटन करने वाली हैं. भवन निर्माण विभाग ने नई बिल्डिंग हैंडओवर कर दिया है. गर्मियों की छुट्टियों के बाद इस नए भवन से कोर्ट के फैसले सुनाए जाएंगे. हाईकोर्ट के पुराने भवन से आवश्यक दस्तावेज और कागजात नए भवन में शिफ्ट किए जा रहे हैं.
भारत का सबसे बड़ा हाई कोर्ट कैंपस
क्षेत्रफल के हिसाब से ये भारत का सबसे बड़ा हाई कोर्ट कैंपस होगा. कई सुविधाएं को सुप्रीम कोर्ट से भी बेहतर हैं. इसके लिये राज्य सरकार ने 165 एकड़ जमीन दी है. लगभग 69 एकड़ भूमि का उपयोग हाईकोर्ट के प्रशासनिक भवन, कोर्ट रूम, अधिवक्ता रूम और बाकी कामों लिए किया गया है. बाकी जमीन पर आवासीय परिसर बनाया जाएगा. हाईकोर्ट का बिल्डिंग पूरी तरह ग्रीन है. इसमें बिजली जरूरत को पूरा करने के लिए 2000 किलोवाट का सोलर पावर सिस्टम लगाया गया है. पार्किंग के लिये जो शेड बनाए गए हैं उसकी छतों पर सोलर पैनल लगाया गया है. जहां से सोलर एनर्जी इकट्ठा होगी. पूरे परिसर में वाई-फाई है. कोने-कोने पर नजर रखने के लिये CCTV लगाए गए हैं.
सेंसर आधारित बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम
साथ ही सेंसर आधारित बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम का भी उपयोग किया गया है. इससे एक ही जगह से बिजली, पंखा, एसी और बाकी जरूरी चीजों को मैनेज किया जा सकता है. यहां एस्केलेटर की सुविधा भी मिलेगी. जो भवन के बेसमेट से दूसरे फ्लोर तक जाएगी. वहीं छत पर एक बड़ा गुंबद और गुंबद के छोटे स्वरुप बने हैं.
24 आधुनिक कोर्ट रुम बनाए गए हैं
बिल्डिंग में चीफ जस्टिस समेत कुल 24 कोर्ट रूम बनाए गए हैं. चीफ जस्टिस का कोर्ट रूम 80 गुणा 65 और बाकी 60X40 फीट के हैं. कोर्ट रूम की इंटरनल डेकोरेशन अलग तरह की है, जो देश के किसी हाईकोर्ट में नहीं है. यहां पेटिंग्स, दीवारों पर न्याय से लेकर जुड़ी तस्वीरें लगाई गई हैं. जज के टेबर पर आधुनिक कंप्यूटर, साउंड सिस्टम, अधिवक्ता और मुवक्कील के लिये टॉकबैक और कोर्ट में बैठने के लिये शानदार गद्देदार कुर्सियां लगाई गई हैं. यही बड़ी बड़ी एलईडी स्क्रीन भी हैं. हर कोर्ट रुम के पीछ न्यायाधिशों के लिये रेस्ट रुम बने हैं. जजों के लिये अलग गेट है जहां से गाड़ी से उतर कर वो सीधे अपने कोर्ट रुम पहुंच सकते हैं.
कैंपस के अंदर बैंक, डाक घर, डिस्पेंसरी
कोर्ट परिसर में ही 540 वकीलों के बैठने के लिए अलग-अलग चैंबर भी बनाए गए हैं. तो वहीं कैंपस के अंदर ही बैंक, डाक घर, पावर स्टेशन, डिस्पेंसरी समेत कई सुविधाएं हैं. टाइपिस्ट के लिये बैठने की जगह. दोनों फ्लोर पर वेटिंग रुम. कोर्ट बिल्डिंग में इंट्री करते ही न्याय की देवी की मूर्ति लगाई गई है. वहीं दोनों ओर दीवारों में महापुरुषों और संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर से जुड़ी तस्वीरें लगाई गई है. वहीं बिल्डिंग के सामने तीन आकर्षक फाउंटेन लगाए गए हैं जिसमें शानदार लाइटिंग भी है.
2013 में शिलान्यास, मई 2023 में तैयार
हाईकोर्ट के नए भवन का शिलान्यास 9 फरवरी 2013 को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने किया था. निर्माण 8 जून 2015 को शुरू हुआ. इस पर 600 करोड़ रु. खर्च होने का अनुमान है. इसके लिए पहली बार 366 करोड़ की स्वीकृति दी गई थी. कंट्रैक्टर के साथ 290 करोड़ का एग्रीमेंट हुआ था. उसके बाद दूसरी बार 106 करोड़, तीसरी बार 124 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई. सोलर एनर्जी के लिए 14 करोड़ की रकम अलग से दी गई है. हाई कोर्ट शुरू होने तक 100 करोड़ और खर्च होने का अनुमान है.
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