खूंटी में बोली राष्ट्रपति, मेरा जन्म ओडिशा में लेकिन रगो में झारखंड का खून, सीएम ने रखी सरना धर्मकोड की मांग

खूंटी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड दौरे का दूसरा दिन है. राष्ट्रपति ने आज खूंटी में महिला सम्मेलन में स्वयं सहायता समूह की 25 हजार महिलाओं के साथ संवाद किया. समारोह में जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता, झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री जोबा मांझी, स्थानीय विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, विकास मुंडा समेत कई गणमान्य लोगों शिरकत की.

यहां विधायक से लेकर राष्ट्रपति तक आदिवासी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा इस सम्मेलन का उद्देश राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में जनजातीय समुदाय की महिलाओं और सहायता समूह के योगदान के स्मरण करना और आने वाले पीढ़ियों को जनजाति समुदाय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए प्रेरित करना है. उन्होंने इस आयोजन के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और उनकी टीम को बधाई दी. राष्ट्रपति ने कहा यह सुखद संयोग है अर्जुन मुंडा खूंटी क्षेत्र के सांसद हैं उन्होंने कहा झारखंड राज्य अलग होने के बाद 5 साल हो गए. यहां आदिवासी मुख्यमंत्री ही रहे शायद एक ही बार किसी दूसरे समूह के मुख्यमंत्री थे. 28 एमएलए आदिवासी हैं.

जोबा मांझी जिस घर की बहू, मेरी दादी उसी घर की

मैं खुश हूं कि आज आदिवासी कल्याण जनजाति मंत्री अर्जुन हैं और भी खुशी महिला विकास मंत्री झारखंड सरकार जोबा मांझी भी आस पास से ही हैं, ऐसे में मैं आशा करती हूं कि आने वाले दिनों में यहां महिला समूह और प्रगति करेगा. राष्ट्रपति ने कहा कि में जरूर ओडिशा की हूं, लेकिन मेरे शरीर में झारखंड का खून बहता है. जोबा मांझी जिस घर की बहू हैं मेरी दादी उसी घर की थी. उन्होंने कहा मेरा सौभाग्य है कि मैं इसी धरती का राजपाल बनी और फिर अपनी इस सरजमीं पर आज राष्ट्रपति बनकर आई हूं.

जनजातियों के विकास की दिशा में लगातार कोशिश- राज्यपाल

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि झारखंड राज्य में अनुसूचित जनजातियों की कुल संख्या लगभग 70 है. राज्य में 32 अनुसूचित जनजाति हैं जिसमें विशेष रुप से कमजोर जनजातियों शामिल हैं. राज के 13 जिलों में ये सम्मिलित हैं. इन जनजातियों के लिए केंद्र और राज्य की कई योजनाएं चल रही हैं. इन योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान देने की जरूरत है, जनजातियों के विकास की दिशा में लगातार कोशिश कर रहे हैं.

हो, मुंडा को आठवीं अनुसूची में जगह मिले- सीएम

सभा को संबोधित करते हुए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि अदिवासी समुदाय की मांगों पर विचार होना चाहिये हो, मुंडा को आठवीं अनुसूची में शामिल करना चाहिये. जिससे इनकी सभ्यता, संस्कृति की पहचान हो. यहां की खनीज संपदाओं से पूरा देश रोशन होता है, लेकिन आज भी यहां के विस्थापित आदिवासी दो जून की रोटी के लिये जद्दोजेहद कर रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रपति के सामने अलग सरना धर्म कोड की मांग रखी.

बीस साल में भी आदिवासी समुदाय का विकास नहीं 

सीएम ने कहा कि कोरोना के समय हमें पता चला कि कितनी बड़ी संख्या में हमारे लोग पलायन करते हैं. राज्य गठन के बीस साल बाद भी आदिवासी समुदाय का विकास नहीं हो पाया है. लैंप्स, पैक्स जैसे बहुत सारे फेडरेशन हैं लेकिन ये सही से काम कर रहे हैं नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने कहा की जबसे अर्जुन मुंडा इस विभाग के केद्रीय मंत्री बने हैं, इसमें तेजी आई है. और जबतक ये रहेंगे ये निश्चित तौर पर आगे बढ़ेगा.

254 गांव को आदि आदर्श ग्राम बनाया जाएगा- अर्जुन मुंडा

केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंच को संबोधित करते हुए कहाा खूंटी के 254 गांव को आदि आदर्श ग्राम बनाया जाएगा. जनजातीय इलाकों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभियान चलाया जा रहा है. और बेहतर काम किया जा रहा है. हमारी पहचान जल, जंगल और जमीन है. जिसे कायम रखना है. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से सभी महिलाओं को शिक्षित और आगे बढ़ाना है.

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