



रांची: नामकुम स्थित जेयूटी सभागार में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) रांची का दूसरा दीक्षांत समोराह मनाया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी शामिल हुईं. यहां पर 109 छात्रों को राष्ट्रपति ने उपाधि प्रदान की. कार्यक्रम में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी शिरकत की.
युवा रुचि के मुताबिक क्षेत्र चुनें- राष्ट्रपति
अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी ने कहा आज छात्राओं को आगे बढ़ता देख काफी खुशी होती है. यहां छात्राओं ने 80 फीसदी मेडल, शिल्ड प्राप्त किया है वो और उनके अभिभावक, शिक्षक बधाई के पात्र हैं. उन्होंने कहा की भारत आत्मनिर्भरता पर फोकस कर रहा है, स्टार्टअप शुरु हो रहे हैं. रिचर्स से नई नई राहें खुलती हैं. और इसमें उच्च शिक्षण संस्थानों की बड़ी भूमिका होती है. उन्होंने कहा की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सोशल जस्टिस में किया जाना चाहिये. आज स्ट्रीट वेंडर भी डिजिटल पेमेंट ले रहे हैं, महिलाएं घर से तकनीक की मदद से बिजनेस वीमेंस बन रही हैं. जो कुछ वर्षों पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था. इसी तकनीक आज गांव कस्बों में पहुंच रहा है. बच्चे इसका फायदा उठा रहे हैं. हमारे युवाओं को सामाजिक, मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रुप से भी स्वस्थ् होने की जरुरत है. अपनी रुचि के हिसाब से आगे बढ़े क्षेत्र चुनें और उस क्षेत्र में उत्कृष्ट बनें.
देश के विकास में स्टूडेंट्स का बड़ा रोल- राज्यपाल
राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन ने कहा कि भारत आज दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है. 10 वर्ष पहले किसी ने भी इसे नहीं सोचा होगा. उन्होंने कहा कि इस संस्था के बच्चे वर्ष दर वर्ष सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं. हमारे देश में करोड़ों स्टूडेंट्स हैं लेकिन कितने IIT, IIM जैसी संस्थाओं तक पहुंचते हैं इनके लिये ITI तक पहुंचना भी मुश्किल होता है. बच्चे आर्थिक कमजोरी की वजह से अपनी प्रतिभा को सामने नहीं ला सकते. लेकिन जिन्हें मौका मिल रहा है वो पूरा मन लगाकर अपना पूरा शत प्रतिशत दें.
खुलेगी डिजिटल स्किल यूनिवर्सिटी- सीएम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा की देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां झारखंड से खड़ी हुई, चाहे वो टाटा हो, एचईसी, सेल या कोई और. कई बेहतरीन शिक्षण संस्थाएं भी हमारे राज्य में हैं. और उसी कड़ी में ट्रिपल आईटी जुड़ा. शिक्षा के क्षेत्र में भी झारखंड के बच्चे किसी से कम नहीं, अब वक्त टेक्नोलॉजी का है. आज ढेरों कंपनियां मानवरहित चल रही हैं. यहां मशीनें काम करती हैं. अब प्रतिस्पर्द्धा शिक्षा के साथ हर क्षेत्र में हैं. सीएम ने कहा कि सरकार ने डिजिटल स्किल यूनिवर्सिटी की परिकल्पना की है जो करीब 400 करोड़ की लागत से बनेगी. जहां कम पढ़े लिखे नवजवानों को तकनीकि शिक्षा से कैसे जोड़ पाएं सरकार को इसकी चिंता है.
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