



एक तरफ देश को नया संसद भवन मिल रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया. तो दूसरी तरफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दिल्ली मुख्यालय के साथ ही विभिन्न राज्यों के मुख्यालय में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर धरना-प्रदर्शन कर विरोध कर रही है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी राजधानी रांची के बिरसा चौक में धरने पर बैठे. कांग्रेस ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं. इस संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराना चाहिए था. पर उन्होंने उद्घाटन तो दूर की बात, बुलाना भी जरूरी नहीं समझा. ना राष्ट्रपति और ना ही उप राष्ट्रपति को बुलाया गया उनका नाम कम से कम विशिष्ट अतिथि के तौर पर भी शामिल किया जा सकता था. लेकिन जब इस भवन का शिलान्यास हुआ था तब भी उस समय के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस से दूर कर दिया गया था. कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी के इस रवैये को तानाशाह बता रही है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दिल्ली मुख्यालय के साथ ही विभिन्न राज्यों के मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन कर विरोध कर रही है.
‘उद्घाटन तो दूर निमंत्रण तक नहीं दिया’
धरना पर बैठे प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी कभी इस बात पर आपत्ति नहीं कर रही है, कि संसद भवन का पीएम नरेंद्र मोदी क्यों उद्घाटन कर रहे हैं? कांग्रेस सहित विपक्ष को आपत्ति इस बात की है कि दिल्ली में मौजूद राष्ट्रपति से उद्घाटन करना तो दूर की बात निमंत्रण देना भी उचित नहीं समझा . राजेश ठाकुर ने कहा कि चार्टेड प्लेन से पंडित और पुजारी मंगवाए गए पर संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति को उद्घाटन समारोह में नहीं बुलाया गया. यह कैसी जिद और कैसी नयी परंपरा की शुरूआत है ? देश की जनता राष्ट्रपति के इस अपमान को कभी भूल नहीं पायेगी.
इन पार्टियों ने किया बहिष्कार
बता दें की संसद भवन के इस नए भवन के उद्घाटन समारोह से कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), समाजवादी पार्टी, सीपीआई, जेएमएम, केरल कांग्रेस, आरएलडी, जेडीयू, आरजेडी, टीएमसी, एनसीपी, सीपीआईएम, आरएसपी, नेशनल कांफ्रेंस, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और एमडीएमके अलग रहे.
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