



श्रीहरिकोटा: अंतरिक्ष में भारत ने लम्बी छलांग लगायी है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से अपना नेविगेशन सैटेलाइट NVS-01 लॉन्च किया. इसे जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल यानी GSLV-F12 से अंतरिक्ष में भेजा गया है. ये सैटेलाइट उन 5 सेकेंड जनरेशन सैटेलाइट्स का हिस्सा है जिसे आने वाले दिनों में लॉन्च किया जाएगा. इसरो ने NavIC नाम का रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम बनाया है. इसरो (ISRO) अब इसके नेटवर्क को लगातार बेहतर करने का काम कर रही है.
51.07 मीटर लम्बे GSLV ने अपनी 15वी उड़ान भरी
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से सोमवार सुबह 10:42 बजे 51.07 मीटर लम्बे GSLV ने अपनी 15वी उड़ान भरी. लॉन्च के करीब 18 मिनट बाद रॉकेट से पेलोड अलग हो गया. इससे एनवीएस-1 सैटेलाइट को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में डिप्लॉय किया गया. इसके बाद इंजीनियरों ने सैटेलाइट को सही ऑर्बिट में प्लेस करने के लिए ऑर्बिट-रेजिंग मैनुवर परफॉर्म किया.
अमेरिका ने GPS सपोर्ट देने से कर दिया था मना
बता दें की 1999 में कारगिल वॉर के दौरान भारत सरकार ने घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी सैनिकों की पोजीशन जानने के लिए अमेरिका से मदद मांगी थी. तब अमेरिका ने GPS सपोर्ट देने से मना कर दिया था. इसके बाद से ही भारत अपना नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम बनाने में जुट गया था. NavIC को 2006 में अप्रूव किया गया था और ये 2018 से ऑपरेशनल हो गया .