सुलगते मणिपुर को शांत करने की कोशिश, आज से गृह मंत्री अमित शाह का 4 दिवसीय दौरा

इंफाल: 3 मई को हिंसा शुरू होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहली बार 29 मई को चार दिवसीय दौरे पर सोमवार की शाम मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचेंगे. शाह 29 मई से 1 जून तक राज्य के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान होम मिनिस्टर अमित शाह राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार, सुरक्षाबलों और कुकी-मैतेई समुदाय के लोगों से बारी-बारी मिलेंगे. वे यहां के अन्य सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों से भी मुलाकात कर हिंसा को रोकने की अपील करेंगे. इससे पहले भारतीय आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडेय राज्य का दौरा कर चुके हैं. आर्मी चीफ दो दिन, 27-28 मई को मणिपुर में रहे. इस दौरान उन्होंने मणिपुर की गर्वनर अनसुईया उइके से मुलाकात की थी.

40 आतंकी मारे गए- मुख्यमंत्री

मणिपुर में हिंसा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. बीते 3 मई से राज्य के अलग अलग हिस्सों में हिंसा जारी है. रविवार को राजधानी इंफाल से सटे सेरौ और सुगनू इलाके में एक बार फिर कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई. राज्य में फैली हिंसा में अब तक करीब 80 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है. वहीं कई अन्य घायल बताये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बताया की 26 दिनों से जारी हिंसा के बीच करीब 40 लोगों का एनकाउंटर किया गया है. मुख्यमंत्री ने एनकाउंटर किये गए लोगो को ‘मिलिटेंट्स’ बताया है. सीएम बिरेन सिंह ने कहा की ये लोग आम नागरिकों के खिलाफ एम-16, एके-47 असॉल्ट राइफलों और स्नाइपर गन का इस्तेमाल कर रहे हैं.

क्यों भड़क रही हिंसा ?

मणिपुर में कूकी जनजाति, मैतेई समुदाय को एसटी (ST) का दर्जा देने के खिलाफ 3 मई से विरोध-प्रदर्शन कर रहा है. चूराचांदपुर में 3 मई की रात प्रदर्शन के दौरान दोनों समुदाय के लोग एक-दूसरे से भिड़ गए. चुराचांदपुर में ही 4 मई को CM एन बीरेन सिंह का एक कार्यक्रम तय था. इसकी तैयारियों को लेकर मंच और पंडाल लगाए गए थे, जिसे प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था. इसके बाद राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ती चली गई. केंद्र सरकार को राज्य में सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा. साथ ही 31 मई तक राज्य में पूर्ण रूप से इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है. अब तक मणिपुर से 40,000 से अधिक लोगों ने पलायन कर दिया है.

क्या है मणिपुर की जाति समीकरण ?

बता दें कि मणिपुर की लगभग 38 लाख की आबादी में से आधे से ज्यादा मैतेई समुदाय के लोग हैं. वहीं राज्य के 90% क्षेत्र में रहने वाले लोगों में नगा और कुकी जनजाति के लोगों की आबादी 34% हैं. नगा और कुकी जनजाति के लोगों का मानना है की मैतेई समुदाय को एसटी (ST) का दर्जा मिलने से उनके अधिकारों में बंटवारा होगा. हाल ही में मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने पर विचार करने के आदेश जारी किए था. इससे नगा-कुकी जनजाति के लोग नाराज चल रहे थे. बता दें की मैतेई हिंदू धर्म को मानते हैं, जबकि एसटी (ST) वर्ग के अधिकांश नगा और कुकी ईसाई धर्म को मानने वाले हैं.

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